ठरकी टीचर की चुदक्कड़ पत्नी के साथ सुहागरात

जैसा कि पिछली कहानी में बताया गया था, मेरी शादी 3 जनवरी को मेरी पसंद की लड़की सीमा से तय की गई थी। सीमा भी एक खुले विचारों वाली लड़की थी, और उसे भी सेक्स में नई-नई चीजें करने में बहुत मजा आता था। आज हमारी सुहागरात थी, और मैं अपनी सुहागरात की कहानी बताने जा रहा हूं। हालांकि, मैंने कई लड़कियों और औरतों के साथ सुहागरात का खेल खेला है, लेकिन आज मेरी असल में सुहागरात थी।

कहानी का पिछला भाग: चुदाई की रेलगाड़ी

जैसा कि मैंने आपको बताया था, मैंने अपने स्टूडेंट मोनिका, पायल, और उसकी भाभी को भी शादी में इनवाइट किया था। मोनिका को यह नहीं पता था कि पायल की भाभी भी मेरे लंड की दीवानी है और मैं उसे चोदता हूं। उसे लगता था कि पायल अपनी भाभी को लेकर ऐसे ही आई है।

सुहागरात का समय हो रहा था। मेरे कमरे को सजाया गया था, दुल्हन कमरे में बैठी हुई थी, और मैं कुछ गेस्ट को वापस भेजने की तैयारी कर रहा था, गाड़ियों की बुकिंग में व्यस्त था। तभी मोनिका मेरे पास आई और बोली, “सर, आज तो आपको नई घोड़ी मिली है सवारी करने के लिए, लेकिन ऐसा मत करना कि अपनी पुरानी घोड़ियों को भूल जाओ।”

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मैंने आंख मारते हुए कहा, “ऐसा थोड़ी ना होता है कि मैं अपनी घोड़ियों को भूल जाऊं। मैं अपनी सारी घोड़ियों की सवारी करूंगा, चिंता की कोई बात नहीं है।” और मैं अपने काम में लग गया।

तभी पायल आई और बोली कि भाभी बुला रही हैं। पायल और उसकी भाभी को एक अलग कमरा दे रखा था। हम वहां जाते हैं। पायल की भाभी, सुप्रिया, ने मुझे कोने में खींचा और किस करने लगी। उसने कहा, “यह मत भूलना कि मैं भी तुम्हारी पत्नी हूं।” फिर से किस करने लगी। उसकी आंखों में हल्के से आंसू थे।

मैंने आंसू पोंछते हुए कहा, “ऐसा कुछ नहीं होगा। मुझे अपना वादा याद है, और मैं अपना वादा इतनी जल्दी नहीं भूलूंगा। चिंता मत करो, मेरी पत्नी भी खुले विचारों वाली है। उसे सब पता है। मैं जल्दी तुम्हारे पास आऊंगा और तुम्हारे प्यास को बुझा दूंगा।”

तब तक पायल तुम्हारे लंड से संतुष्ट होकर शांत हो जाएगी। पायल को देखकर मैंने आंख मारी। पायल बोली, “सर, आपने जो लंड मुझे दिया है, उससे मैं भाभी की रोज चुदाई करती हूं।”

मैंने पायल को किस करते हुए कहा, “ठीक है, मैं जाता हूं अपनी घोड़ी की सवारी करने, तुम अपनी घोड़ी भाभी की सवारी करो।”

मैं जब रूम से बाहर निकला, तो देखा कि मेरे दोस्त लोग मेरे पास आ रहे थे। वे मुझे हंसी-मजाक के साथ कमरे में धकेलकर अंदर ले गए और दरवाजा बंद करके चले गए। मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और सीमा के पास जाते हुए बिस्तर पर बैठ गया।

मैंने घूंघट उठाया और सीमा बेहद खूबसूरत लग रही थी। मैंने उसकी नथनी को एक तरफ किया और उसके होंठों पर एक जोर का किस किया। फिर मैंने उसके गहने उतारने लगा। वह भी अपने गहने उतारने लगी। गहने उतारने के बाद, मैं उसे बेहताशा चूमने लगा। कुछ देर चूमने के बाद, मैंने उसे नंगा कर दिया और उसकी टांगें फैला कर उसकी चूत को देखने लगा। मैं देखना चाहता था कि सीमा सच में कितनी खुली हुई है।

मैंने देखा तो पाया कि सीमा की चूत सच में पूरी तरह से खुली हुई है। मैं उसके कान के पास जाकर बोला, “तुम तो सच में बहुत ही चुदी हुई माल हो।” वह हल्की सी मुस्कुराते हुए बोली, “अब तो मैं पूरी तरह से तुम्हारी हूँ, लेकिन प्लीज मेरे चुदाई पर कोई लिमिट मत लगाना।”

मैंने बिना कुछ बोले उसे गहरी किस कर दी और अपने कपड़े उतारने लगा। जब मैं पूरी तरह से नंगा हो गया, तो अपना लंड उसके हाथ में दे दिया। जैसे ही उसने लंड अपने हाथ में लिया, वह बोली, “वाह, क्या लंड है! इस साइज का लंड मैंने पहले कभी नहीं लिया है। तुम वाकई मेरे पति होने लायक हो।” फिर उसने मेरे लंड पर किस करना शुरू कर दिया और चूसने की कोशिश करने लगी।

अब हम 69 पोजीशन में आ गए थे और मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था, जबकि वह मेरा लंड अपने मुंह में लेकर चूस रही थी। मैं उसकी चूत को अच्छे से चाट रहा था, और उसका पानी लगातार बह रहा था। वह मेरे लंड को गले तक उतार कर चूस रही थी, और यह बेहद मजेदार और उत्तेजक अनुभव था।

अब मैं उठा और उसके दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखकर उसके छूट पर लंड सेट किया। जैसे ही मैंने धक्का मारा, वह पहले से ही जुड़ी हुई थी और उसकी चूत थोड़ी ढीली थी। फिर भी मेरा लंड धीरे-धीरे उसके अंदर घुस गया। उसे हल्का सा दर्द हुआ और वह छटपटाने लगी। मैं तेजी-तेजी से उसकी चूत में धक्का मार रहा था, और वह अपने गांड को हिलाकर मेरा लंड पूरी तरह से अपनी चूत में ले रही थी।

चुदाई करते-करते, मैंने उसके कान के पास जाकर कहा, “कल से तुम चाहो तो किसी का भी लंड ले सकती हो, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। बस मुझे पता होना चाहिए।” और जल्दी ही मैं तुम्हारे लिए ग्रुप सेक्स की व्यवस्था करूंगा।

अब हम सेक्स को पूरी तरह से इंजॉय करने वाले थे। वह मेरी आँखों में देखते हुए मुस्कुराते हुए बोली, “मैंने कितना प्यारा पति पाया है। तुम बहुत अच्छे हो!” फिर उसने अपनी गांड उठाकर उछलते हुए चुदाई करवाने लगी।

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तो दोस्तों, यह थी मेरी सुहागरात की कहानी, जिसमें आपको पता चल गया होगा कि मैं अपनी पत्नी को चुदाई के लिए रोकने वाला नहीं हूं। वह चाहे तो किसी से भी चुदा सकती है क्योंकि मैं भी एक चुडक्कड़ मर्द हूं। मुझे पता है कि अगर कोई मर्द या औरत एक से अधिक पार्टनर के साथ रिश्ते बनाते हैं, तो एक लंड या चूत पर रुकना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। मैं यह रुकावट नहीं डालना चाहता था क्योंकि मैं चाहता था कि हम खुलकर मजे करें।

फिर हमारे जीवन में डेली चुदाई होने लगी। हालांकि, मैं मोनिका, पायल, और उसकी भाभी के साथ भी चुदाई किया करता था, लेकिन अपनी पत्नी के साथ मेरी चुदाई में कोई कमी नहीं छोड़ी। अब मेरी पत्नी मेरे साथ दिल्ली में किराए के कमरे पर रहने लगी थी, क्योंकि मैं महीने में केवल 1 से 2 बार ही घर जा पाता था।

लेकिन मेरी पत्नी महीने में एक या दो बार चुदवाने से संतुष्ट नहीं हो रही थी। इसलिए, वह मेरे साथ रहने लगी। अब मैं उसे रोज चोदकर शांत किया करता था। मैंने उसे चुदाई के लिए रोका नहीं था; वह चाहती थी, तो कहीं भी चुदाई करवा सकती थी। लेकिन शादी के बाद उसे ऐसा कोई लंड नहीं मिला था जिससे वह चुदाई करवा सके।

फिर होली का त्योहार आया, और इस बार कुछ ऐसा हुआ जो बेहद रोमांचक था। मैं होली पर घर नहीं था, क्योंकि मैंने पायल और मोनिका को एक मजेदार टूर पर ले जाकर चोदने के लिए लिया था। इसी बीच, मेरे कॉलेज की एक लड़की, जिसका नाम निकिता है, वह मेरे घर आई थी।

उस दिन मेरी पत्नी के साथ जो कुछ हुआ, वह बेहद दिलचस्प था। क्या हुआ? जानने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि यह कहानी आपको झकझोर कर रख देगी! आप नीचे दिए गए कहानी में पढ़ सकते हैं:

ठरकी टीचर सूरज की बीवी और हॉस्टल की होली
ठरकी टीचर सूरज की बीवी और हॉस्टल की होली – 2

कहानी का अगला भाग: मेरी बीवी की कार में चुदाई

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